हेलो स्टूडेंट इस लेख में आपका स्वागत है मैं यहां आपको धर्मनिरपेक्षता तथा उससे संबंधित सभी प्रश्नों उत्तर दूँगा
जो नीचे है-
• धर्मनिरपेक्षता का क्या अर्थ है -
• भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है -
• भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशेषताएं -
• धर्मनिरपेक्षता राज्य का अर्थ
• धर्मनिरपेक्षता का मूल मंत्र या का सबसे महत्वपूर्ण पहलू
• कौन सा देश धर्मनिरपेक्षता है?
• भारत में धर्मनिरपेक्षता कब शुरू हुआ था?
1. कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है।
2. सभी व्यक्ति किसी भी धर्म की रीति रिवाज और तौर-तरीकों को अपना सकता है।
3. भारतीय संविधान सभी धर्मों को सम्मान करता है तथा उससे बराबर नजर से देखता है।
4. कोई भी धार्मिक समुदाय किसी दूसरे धार्मिक समुदाय को नहीं दबा सकता है।
5. किसी व्यक्ति पर कोई भी धार्मिक समुदाय अपनी धर्म को नहीं छोड़ सकता है।
6. भारतीय संविधान की ओर व्यक्तियों को धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है।
धर्मनिरपेक्षता का मूल मंत्र या का सबसे महत्वपूर्ण पहलू क्या है?
1. धर्म का राज्य के संचालन एवं नीति निर्धारण हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
2. सभी धर्म के लोग संविधान, कानून तथा सरकारी नीति के आगे समान या बराबर है।
1. कौन सा देश धर्मनिरपेक्षता है?
उत्तर - भारत ।
2. भारत में धर्मनिरपेक्षता कब शुरू हुआ था?
उत्तर - 1976 में।
• धर्मनिरपेक्षता का क्या अर्थ है -
• भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है -
• भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशेषताएं -
• धर्मनिरपेक्षता राज्य का अर्थ
• धर्मनिरपेक्षता का मूल मंत्र या का सबसे महत्वपूर्ण पहलू
• कौन सा देश धर्मनिरपेक्षता है?
• भारत में धर्मनिरपेक्षता कब शुरू हुआ था?
धर्मनिरपेक्षता का अर्थ
धर्म के प्रति निष्पक्ष भाव रखना ही धर्मनिरपेक्षता कहलाता है। अर्थात कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है।भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है?
भारतीय संविधान के अनुसार धर्मनिरपेक्षता वह है जिसमें सभी व्यक्तियों को अपने अनुसार किसी भी धर्म को अपना सकता है तथा उस धर्म का तौर तरीका अनुसरण कर सकता है।भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशेषताएं -
1. कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है।
2. सभी व्यक्ति किसी भी धर्म की रीति रिवाज और तौर-तरीकों को अपना सकता है।
3. भारतीय संविधान सभी धर्मों को सम्मान करता है तथा उससे बराबर नजर से देखता है।
4. कोई भी धार्मिक समुदाय किसी दूसरे धार्मिक समुदाय को नहीं दबा सकता है।
5. किसी व्यक्ति पर कोई भी धार्मिक समुदाय अपनी धर्म को नहीं छोड़ सकता है।
6. भारतीय संविधान की ओर व्यक्तियों को धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है।
धर्मनिरपेक्षता राज्य का अर्थ
धर्मनिरपेक्षता राज्य का अर्थ यह है कि राज्य किसी विशेष संप्रदाय या मजहब पर आधारित नहीं है। और ना ही किसी भी मजहब या संप्रदाय को बढ़ावा देता है। और राज्य किसी भी प्रकार से किसी भी संप्रदाय या मजहब का विरोध नहीं करता है।धर्मनिरपेक्षता का मूल मंत्र या का सबसे महत्वपूर्ण पहलू क्या है?
1. धर्म का राज्य के संचालन एवं नीति निर्धारण हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
2. सभी धर्म के लोग संविधान, कानून तथा सरकारी नीति के आगे समान या बराबर है।
धर्मनिरपेक्षता से संबंधित पश्न
1. कौन सा देश धर्मनिरपेक्षता है?
उत्तर - भारत ।
2. भारत में धर्मनिरपेक्षता कब शुरू हुआ था?
उत्तर - 1976 में।
3. धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - धर्मनिरपेक्षता वह है जिसमें व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है। तथा अपने अनुसार उससे अनुसरण कर सकता है।
उपर्युक्त विवरण से आप क्या समझ गए होंगे कि धर्मनिरपेक्षता क्या है in hindi, धर्मनिरपेक्षता की विशेषता क्या है, धर्मनिरपेक्षता का मूल मंत्र क्या है?, तथा धर्मनिरपेक्षता राज्य का अर्थ क्या है।
यदि आप सभी स्टूडेंट को यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने क्लास मित्र को शेयर करें तथा अपने विचार कमेंट में लिखें।
उपर्युक्त विवरण से आप क्या समझ गए होंगे कि धर्मनिरपेक्षता क्या है in hindi, धर्मनिरपेक्षता की विशेषता क्या है, धर्मनिरपेक्षता का मूल मंत्र क्या है?, तथा धर्मनिरपेक्षता राज्य का अर्थ क्या है।
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