आज हम इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से जानेंगे न्याय क्या है? न्याय के प्रकार, न्याय की विशेषता तथा न्याय का महत्व। ब्लॉग पोस्ट को पूरा पढ़ें।


न्याय का अर्थ 

न्याय शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के jus सबसे हुआ है । जिसका शाब्दिक अर्थ बांधना होता है। अंग्रेजी में इसे Justice कहते हैं। 

न्याय क्या है परिभाषा?


पीटर्स के अनुसार

जब तक किसी के साथ भेदभाव करने का कोई उचित कारण ना हो तब तक उस व्यक्ति के साथ समान व्यवहार करना न्याय है।

गिल के अनुसार

न्याय उस नैतिक नियमों का एक समन्वय है जो मानव कल्याण से संबंधित है मनुष्य को जीवन में प्रदर्शित करने के लिए किसी ना किसी नियम की आवश्यकता होती है।

न्याय के प्रकार

न्याय कितने प्रकार के होते हैं? या न्याय के मुख्य रूप क्या है?

1. नैतिक न्याय
2. प्राकृतिक न्याय
3. कानूनी न्याय
4. सामाजिक न्याय
5. राजनीतिक न्याय
6. आर्थिक न्याय

1. नैतिक न्याय क्या है?

नैतिक न्याय रीति रिवाज तथा परंपराओं से संबंधित है। चोरी ना करना दया करना सच बोलना वचन का पालन करना आदि नैतिक नियम है। तथा यह सभी व्यक्तियों को आपस में जोड़ता है 

2. प्राकृतिक न्याय क्या है?

प्राकृतिक नियमों से संबंधित न्याय को ही प्राकृतिक न्याय कहा जाता है।

3. कानूनी न्याय क्या है?

कानूनी न्याय में न्याय मांगना एवं न्याय करना शामिल है कानून सभी व्यक्तियों को सम्मान व्यवहार करके न्याय करता है।

4. सामाजिक न्याय क्या है?

सामाजिक न्याय का उद्देश्य या है कि समाज में विभिन्न वर्गों समुदायों के बीच जो विषमता है या भेदभाव है उसे दूर करना।

5. राजनीतिक न्याय क्या है?

राजनीतिक न्याय का अर्थ है कि राजनीतिक शक्ति किसी एक समुदाय या एक व्यक्ति के हाथ में ना होकर सभी नागरिक के हाथ में होना चाहिए। अर्थात कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। और 18 साल से वाले व्यक्ति वोट दे सकते हैं।

6. आर्थिक न्याय क्या है?

आर्थिक न्याय में इस बात पर जोर दिया गया है कि अमीरी गरीबी के बीच भेदभाव ना हो। अर्थात अमीरी गरीबी को लेकर किसी प्रकार का आर्थिक शोषण ना हो।

न्याय का विशेषता या तत्व

• न्याय में सत्य का होना बहुत जरूरी है क्योंकि कोई घटना यदि हुई है तो उसे अदालत के सामने जैसे घटना हुई है वैसे ही पेश हो। 

• न्याय का दूसरा विशेषता क्या है कि न्याय में निष्पक्षता एवं समानता होती है। अर्थात सभी व्यक्तियों के साथ निष्पक्षता तथा समान व्यवहार होता है।

• न्याय हमेशा समाज कल्याण के हित में होता है। 

• न्याय व्यक्तियों के शक्ति तथा क्षमता के अनुसार काम करती है अर्थात जो व्यक्ति जिस कार्य को करने की क्षमता रखता हो वह वही कर सकता है। बीमार या वृद्ध व्यक्ति के विरुद्ध या अन्याय पूर्ण होगा।

न्याय का महत्व 

Q. न्याय का महत्व क्या है बताइए। 

मनुष्य के जीवन में न्याय का काफी बहुत बड़ा महत्व है। क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो समाज में रहकर अपनी जीवन व्यतीत करता है।
        न्याय का महत्व इसलिए है क्योंकि यदि कोई व्यक्ति गलत काम कर रहा हो या अनुचित काम कर रहा हो जो समाज के हित के लिए नहीं है। तो उस पर कानून व्यवस्था कार्रवाई करेगी।
       प्रत्येक देश राज्य का अपना अपना नियम है। यदि कोई नियम या न्याय व्यवस्था ना हो तो समाज बिखर जाएगा और समाज में अनुचित कार्य होना प्रारंभ हो जाएगा।

न्याय से संबंधित प्रश्न

1.न्याय से क्या समझते हैं?

उत्तर  - न्याय एक ऐसी व्यवस्था है जो अनुचित कार्यों या गलत कार्यों को रोकने के लिए लागू किया जाता है।

2. न्याय का अर्थ प्रत्येक को उसका हक देना है यह कथन किसका है?

उत्तर- सालमंड

3. न्याय शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई है?

उत्तर- लैटिन

उपर्युक्त विवरण से आप समझ गए होंगे कि न्याय किसे कहते हैं? न्याय कितने प्रकार के होते हैं? या न्याय का महत्व क्या है? और साथ ही साथ न्याय की विशेषता।

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