टमाटर की खेती कैसे करें? सही तरीका 2022 में ?

क्या आपको पता है कि टमाटर की खेती कैसे करें? और सही तरीका क्या है? मुझे लगता है कि बहुतो को पता है और बहुतों को नहीं। लेकिन यदि आपको नहीं पता तो घराने की कोई बात नहीं। क्योंकि हम आप सभी किसान भाइयों को बतायेंगे कि आखिर tamatar ki kheti करने का सही तरीका क्या है 2022 में?

टमाटर की खेती कैसे करें

Tomato Ki Kheti की सही तरीका ( विधि )

सभी किसान भाइयों को टमाटर खेती का सही तरीका या 
विधि जानना आवश्यक है वह सम्पूर्ण विधि या तरीका नीचे
दिया गया है -

1. मिट्टी  - 

Tamatar Ki Unnat Kheti करने के लिए टमाटर के पैदावार वाली मिट्टी होना आवश्यक है-

• टमाटर की फसल के लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। सबसे अधिक उपज चिकनी दोमट मिट्टी तथा सादी दोमट मिट्टी में होती है।
• सभी किसान को खेती को करने के लिए 6 से 7 PH मान वाली मिट्टी अच्छी होती है। यदि मिट्टी का पीएच मान 6 से कम होता है तो खेत में प्रति एकड़ जगह पर 9.5 चूना देना चाहिए। इससे खेत टमाटर पैदावार लायक बन जाता है।


2. खेत की तैयारी

• Tamatar Ki Adhunik Kheti करने के लिए खेत को कम से कम 3 से 4 बार जोताई करें।

• जोताई के बाद पाटा आवश्यक से लगाए और खेत के खरपतवार ( घास ) को हटाएं।


3. बुवाई - 

आप सभी किसान भाइयों को पता ही होगा की टमाटर के बीज को सीधे खेत में नहीं बोया जाता है। सबसे पहले Tamatar Ki Nursery में बोया जाता है। और बीज़ टमाटर की सबसे अच्छी किस्म को ही लगाए।

4. रोपाई - 

आपके मन में की टमाटर की रोपाई कैसे करें तो उसके बारे में नीचे दिए गए हैं-

• रोपाई Tamatar Ki Kheti Ki Vidhi का प्रमुख भाग है टमाटर को बुवाई के बाद कम से कम 4 से 5 सप्ताह के बीच रोपाई कर सकते हैं। 

• टमाटर को रोपाई करने से पहले खेत में क्यारी बना ले। और उसकी यारियां में सिंचाई करें।

• रोपाई क्यारियां में हर पौधा के बीच 1/2 फिट की दूरी होनी चाहिए।


5. खाद

• टमाटर की पौध लगाने के 1 महीने पहले खेत में 150 क्विंटल सड़ी हुई गोबर का खाद प्रति हेक्टर डाल दे।

• पौधे लगाने से पहले फास्फोरस 80kg , पोटाश 60kg तथा नत्रजन 60kg प्रति हेक्टर के हिसाब में खेत में डाल दें।

• पौधे लगाने के कम से कम 15 से 20 दिन बाद पौधे के सामने कुदाल से फूलकार करें। और रसायनिक खाद को साथ साथ दें।

• इसके बाद क्यारियां बना दे।


6. सिंचाई तथा निराई

• टमाटर के पौधे में सर्दी के दिनों में 8 से 10 दिन और गर्मी में 5 से 6 दिन के बीच आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।

• टमाटर के पौधे लगाने की कम से कम 20 से 25 दिन के बाद पहली घास की निराई करें।

• रोपाई से पहले खेत के सभी घास निराई करें या फिर घास नाशी दवाइयों का छिड़काव करें।
 


टमाटर की खेती कैसे करें

टमाटर की खेती के रोग


1. सफेद लट -

• सफेद लट टमाटर की बहुत बड़ी बीमारी है यह बीमारी टमाटर की जड़ों में होती है इस के प्रकोप से टमाटर के पौधे मर जाते हैं।

•  बचाव - सफेद लट बीमारी से बचाने के लिए टमाटर पौधे को रोपाई करने से पहले जड़ों के पास फास्फेट 10 जी या कार्बोफ्यूरान 3 जी 15kg प्रति हेक्टेयर की दर से दे।


2. कटवा लट -

• कटवा लट बीमारी टमाटर के पौधे में अक्सर पाया जाता है। इसमें छोटे-छोटे किट पौधे के पत्ते को काट देते हैं।

• बचाव - कटवा लट बीमारी से बचाने के लिए टमाटर को रोपाई करने से पहले खेत में क्यूनालाफ्स 1.5 प्रतिशत चूर्ण को 25kg प्रति हेक्टर की हिसाब से भूमि में मिला दे।



3. सफेद मक्खी , परजीवि ( थ्रीपस )

• यह कीट टमाटर के पत्तियां तथा शाखाओं के रस को चूसते हैं और या सफेद मक्खी टमाटर में विषाणु रोग फैला देते हैं जिससे पौधा मर जाता है।

• बचाव - सफेद मक्खी को मारने के लिए डाइमेथोएट कीटनाशक 30 ई सी या मैलाथियान 50 ई सी  एक ml प्रति लीटर लीटर के दर टमाटर में छिड़काव करें। यदि अवश्य पड़ने पर आप किसान भाई 15 से 20 दिन के अन्तराल में कर सकते हैं।


4. फल छेदक कीट ( कीड़े )

• टमाटर के अंदर या गीत किट जाता है जो टमाटर के लिए काफी नुकसानदायक साबित होता है तथा इसी कारण से टमाटर सड़ जाता है।

• बचाव - फल छेदक कीट को मारने के लिए मैलाथियान का उपयोग कर सकते हैं। 50 ई सी ml प्रति लीटर की दर पर छिड़काव कर सकते हैं।



5. मूल ग्रंथि ( सूत्र कृमि )

• यह कृमि से टमाटर की जड़ों में गांठें हो जाती है तथा पौधे का ग्रोथ रुक जाती है।

• बचाव - टमाटर की रोपाई से पहले 25 किलोग्राम कार्बोफ्यूरान  3 जी प्रति हेक्टेयर की दर से मिट्टी में मिलाएं या फिर रोपाई के समय कार्बोफ्यूरान को टमाटर की जड़ों में डालें ।



टमाटर की खेती

टमाटर की खेती इन हिंदी का अन्य रोग -


[ 1 ]  आर्द्रगलन - 

• टमाटर का पौधा जमीन की सतह पर  होने से तने काला पड़ जाता है। जिससे पौधा मरने लगते हैं। 

• टमाटर की बुवाई से पहले थाईरम या कैप्टन को 4 से 5 राम प्रतिमीटर के अंतराल के हिसाब से मिट्टी में मिला दें। या फिर आप इसे 7 से 10 के बीच में बुवाई वाले पौधे पर छिड़काव करें।

[ 2 ] झुलसा - 

• इस प्रकार की रोग में टमाटर के पत्तियों में गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। और पौधा झुलस जाता है।

• इसके बचाव कोपर ऑक्सी क्लोराइड 3g प्रति लीटर की पानी से छिड़काव करें। या फिर मैंकोंजेबको 2g प्रति लीटर की पानी मिलाकर खेत में  छिड़काव करें।


[ 3 ]  वर्नकुंचन रोग ( विषाणु रोग )


  वर्न कुंचन रोग में टमाटर की पत्तियाँ  सिकुड़ती है और मुड़ जाती है। इसी रोग के चलते टमाटर की पत्तियाँ का रंग गहरे और पीले रंग के हो जाते हैं। 

• बुवाई से पहले कार्बोफ्यूरान को 3 जी 8 से 10 ग्राम प्रति लीटर की पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव करे।
पौधे रोपाई के 15 से 20 दिन के बाद डाइमेथोएट 30 ईसी 1ml प्रति लीटर की दर से पानी में मिलाएं और छिड़काव करें।

• पौधे में फूल आने के बाद कीटनाशक दवाई मैलाथियान  50 सीसी 1 मीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से पौधे में छिड़काव करें 

टमाटर की कृषि से संबंधित प्रश्न

1.  टमाटर की खेती कब की जाती है?

उत्तर- जुलाई- अप्रैल के बीच 

2. टमाटर की खेती कितने दिन की होती है?

उत्तर- 30 - 45 दिन में। 


उपरोक्त लिखे गए बातों से आप समझ गए होंगे कि टमाटर की खेती कैसे करें यदि यह लेख से आपको मदद मिली होगी तो आप हमे कॉमेंट में बता सकते हैं। 

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